धन धन रामा पीर ने

तर्ज-धन धन रामा पीर ने
बाला बजरंगी वीर रे लजिया राकज्यो ॥
हार्या का सुण आज्यो हेला, करत हाक हनुमंत हटीला,
आयने भगाज्यो भीड़ रे ॥ लजिया..॥1॥

बरसी रे बरका बरसी

तर्ज-बरसी रे बरका बरसी
खमा खमा रे घणी खमा, बजरंग बलधारी ने,
ज्याँके राम बसे हे नेण, भगत भय हारी रे ॥
सीता जी की खबर लेयने लंक जलाने आया,

साँवरिया थारी मुरली ने

तर्ज-साँवरिया थारी मुरली ने
ओला गोटे-गोटे भांग डळी हरियाळा बागाँ में रे रसियाळा बागाँ में ॥
गेर गुमाळा बड़ल्या केरी गेरी-गेरी हे छाँयाँ,

भाबासा री लाडली कटीने चाली रे

तर्ज- भाबासा री लाडली कटीने चाली रे
ओ अलबेली छेल छबीली बण नकराळी रे,
छम-छम करती भीलणी कटीने चाली रे ॥
सुवा जेसी नाक तिहारी, होट गुलाबी थाराये,

रणूजा वाळो मारा काळजा री कोर

तर्ज- रणूजा वाळो मारा काळजा री कोर
बजरंग बालो रे मारी काळजा री कोर,
हाक चढे हारिया की आवे बाबो दोड़, संतवाळी डोर ॥
भीड़ चढ्‍यो रे राजा राम रघुराय के,

कन्हेया तेरी मुरली ने दिवाना कर दिया

तर्ज – कन्हेया तेरी मुरली ने दिवाना कर दिया…
खेले-खेले रे छोगाळा होळी रंग फागाँ में, बजे चंग फागाँ में॥
फूलाँ छावत में घाडम्बरियाँ,