मेवाड़ी कावताँ (1-50)
1. अंत भलो तो सब भलो।
अर्थ- सभी बातों को सोचकर अंत में जिस निर्णय पर पहुँचते है, वही सही है।
2. अंदारी रात में, तल काळा।
अर्थ- दो अक्लमंद व्यक्ति कभी सही नहीं सोचते है।
3. अई गी, पार पड़ी।
अर्थ- जो होना था वो हो चुका है, व्यर्थ चिन्ता नहीं करनी चाहिए।
4. अई पाँवणी ने नाते देणी।
अर्थ– दूसरों की वस्तु को उधार देना।
5. अई बल्ला टाळणी।
अर्थ- किसी मुसीबत से बचना।
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