मेवाड़ी हव बच्यार (1-50)

1. जो कदी मन ने जीत्यो, वो भगवान की दन्याँ को पड़दो ने बण सके।  विनोबा भावे


2. कस्सी भी नुई चीज की सरुआत बड़्या वी, तो हमजलेणो के आदो काम वेग्यो। प्लेटो


3. निकळ्या तका टेम को ग्यान वेवे, वो जमारा की उमीदाँ नरोगी करे। अज्ञात


4. आपणी भूल आपणा हाताँ मूँ हुदर जावे, तो यो गणो बड़्या हे, नितरे दुजा वीं भूल ने हुदारे। प्रेमचंद

मेवाड़ी हव बच्यार (51-100)

51. टूटो तको मन बड़्या लकण हे, ईंको मतलब हे के माकाणी कस्यी चीज बाते कोसिस किदी। एलिज़ाबेथ गिल्बर्ट


52. परेम की नन्दी की बात अनोकी हे। जो ईंमूँ पार वे सके वो हाँची में डूब जावे अन जो परेम में डूबे वो पार लाग जावे। अमीर खुसरो


53. परेम लड़ई का जस्यान वेवे, सरुआत तो होर्री पण खत्म घणो अबको। एच. एल. मैकमैन


54. एक चीज जो आपाँणी हारी ने पा सकाँ, वो हे परेम। एक चीज जो आपाँणी हारी ने दे सकाँ वो बी परेम हे। हेनरी मिलर