ओ मोवन मुरली मण्डप्ये बजाई रे
ओ मोवन मुरली मण्डप्ये बजाई रे
ओ मोवन मुरली मण्डप्ये बजाई रे,
छोड्यो सब ही काज रास रमबा ने आई रे॥
सुण कर मुरली मोवनी मारो मनड़ो मस्त वेग्यो,
- ओरी भणो
- खोलो सुझाव नाको
ओ मोवन मुरली मण्डप्ये बजाई रे
ओ मोवन मुरली मण्डप्ये बजाई रे,
छोड्यो सब ही काज रास रमबा ने आई रे॥
सुण कर मुरली मोवनी मारो मनड़ो मस्त वेग्यो,
तर्ज– सतगरू माँ सूँ मिलता जाज्यो जी…
ओ झालर संख नंगारा बाजे जी, उपरमाळ का मंगरा माही जोगण गाजे जी ॥
तुँही हे जगदम्ब ज्वाळा, उमा, रमा, ब्रह्माणी,
तर्ज– तिरलोकी को नाथ जाट के बणग्यो हाळी रे…
भोळे नाथ भगवान, महिमा थाँकी न्यारी रे,
माँ गोराँ के काम भेस मोची को धारी रे ॥
तर्ज– घूमर
नाचे भोळा नाथ, नाचे नंदी गणपत साथ रे,
निरख-निरख ने देके गोराँ, मन ही मन हरसात रे॥
डम – डम बाजे डमरू, बाजे नंदी गण को घूघरो,
तर्ज– सूती नर आयो रे जंजाळ…
सीताँ जी दुकड़ो भोग्यो, वेसो कोई ना भोगे जग के माय,
विधाता थारी कलम क्यों नी रुकी ए॥
तर्ज – थाळी भरने लाई खीचड़ो
राम राके ज्यूँई रेणो भाया, मतना छोडो दायरो,
ढळती मळती छाँयाँ या तो, हरतो फरतो बायरो ॥
तर्ज– उण्डा - उण्डा खादरा में नोपताँ बाजे
ढोल नंगारा नोपत बाजे संख धड़ुके,
घाटा वाळी के घाटा में मोटी धजा फड़ुके ॥
खरधर खांडे धार खादरा घाटो चढ़के,
तर्ज - देवळ रमें जी देवळ रमें
नोपत बाजे जी नोपत बाजे, राम रुणीजा में नोपत बाजे ॥
राम सरवर री पाळ कँवराँ री गादी,
धाम धजाबंद अखण्ड समादी,
तर्ज– धन बाबा जी धन बाबा जी रे
धन गुराजी धन गुराजी रे,
गुराँ पीराँ की जात एक हे, नेणा बरसत नूराँ रे ॥
अपने अपने हवारत खातर, हर कोई मानुस जीवे,
तर्ज–काना थारी मुरली ने
आवो आवो जी साँवरिया मारी भाव नगरी, कंचन काया नगरी ॥
पाँच तत्व रो देवळ बणियो, सोहनी सीकर मोत्याँ सूँ जड़ियो,
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