आपणो हपनो

यो के आपाणी मेवाड़ी बोलबा वाळा आपणी मेवाड़ी की खासियत ने पेचाणा अन आपाँने अन आपणी संस्करति ने एक हण्डे बणान राके।
यो के , मेवाड़ी मनक जोसऊँ आपणी मेवाड़ी ने मोटा रूप मूँ काम में लेवे।
यो के आपाँ आपणी मेवाड़ी ने आपणी खास पेचाण अन संचार (बोलचाल) का सादन का रूप में पेचाणबा की दसा में एमानदारीऊँ काम कराँ हाँ।
यो के आपाणी आपणा छोरा-छोर्यां के बाते आपणी मेवाड़ी की समरद परम्परा अन विरासत ने जोस के लारे पार कराँ, जदि आपाणी इने पा लेवाँ तो इने ओरी हेली आगे बडावाँ।

माको मकसद

जटे अन जदि बी वे सके जतरे मेवाड़ी ने हेली काम में लेणी।
मेवाड़ी में हेलो साहित्य बणाणो अन बना रोक - टोक उपलब्द कराणो।
समाज के मइने अन बान्ने मेवाड़ी अन इने बोलबा वाळा के बाते स्वीकरती कराणी।
मेवाड़ी में गीत, कविता, गान अन खेल रिकोर्ड करन नरोई साहित्य बणाबा के बाते आपणी समाज ने परोतसाहित करणी।
इलेक्टरोनिक मिडिया (कम्पूटर, मोबाइल फोन ये सब) में मेवाड़ी  ने हेलीऊँ हेली काम में लेबा के बाते आगे आणो।

मूल्य  

या  वेबसाइट आपणी उँचीऊँ उँची जगाँ पे याँ लिक्या तका मूल्याँ ने राकणा छावे:
समाज की एगट पेलाँ मूल्याँ मूँ एक हे जिंऊँ ईं वेबसाइट ने काम में लेबा वाळा ने हिंकणो छावे। लेक, देकबा को तरिको, पूरवागरे अन संचार ज्ये अलग करे, ईं वेबसाइट पे हँसी - मजाक की चीजाँ ने नाकाँ। राजनेतिक , धारमिक लेकाँ ने नाकबा की नेम मनई हे।
या वेबसाइट हारई जणा के काम में लेबा वाळा के बाते न्याव, बना भेदभाव, हाराँनी एक हण्डे राकबा की कोसीस करे।
या वेबसाइट हाँच के पाड़े उबा वेबा के बाते कोसीस करे, जतरो के वेबसाइट पे नाक्यो तको सामान खाली-माली वोईस बोलबा के बाते हे जो सही हे, अन हाँचो हे।