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मेंवाड़ी भासा में सुविचार 301-400

एक बड़्या मनक केबा में कम अन करबा मे हेलो बसवास करे। 
– कन्फ्यूशियस
302.     हारी चींज रुपाळी वेवे, पण हर कुई वींने देक ने सके।
– कन्फ्यूशियस

मेंवाड़ी भासा में सुविचार 201-300

201.     यो तो मनक को हबाव हे, जो दुजाँ का दोस ने देकन हंसे, जिदाण वीनें खुद को दोस आद ने आवे, जाकी ने तो सरुआत हे अन ने खत्म।
– संत कबीर दास

मेंवाड़ी भासा में सुविचार 101-200

101.    हिंसा का बाते यो भरम हे, के जमारो अस्यो धन हे, जो बताबा को कोइने, काँकी रुकाळी करबा की चीज हे।
– हेनरी नाउएन
102.     कीड़ी मूँ बड़्या कुई ग्‍यान की बाताँ ने केवे अन वाँ गूंगी रेवे।

मेंवाड़ी भासा में सुविचार 1-100

1.    जो कदी मन ने जीत्यो, वो भगवान की दन्याँ को पड़दो ने बण सके।
– विनोबा भावे
2.    कस्सी भी नुई चीज की सरुआत बड़्या वी, तो हमजलेणो के आदो काम वेग्यो। 
    - प्लेटो