एक दाण एक माराज हा वाँका आसरम में घणा बाळक भणबा आता हा। एक दाण एक राजा को बाळक बी आयो अन वाँ माराज ने क्यो के मूँ बी थाँका आसरम में भणणो छऊँ। माराज वींने क्यो के भणणो छावे तो एक दाण ईं रूँकड़ा पे छड? राजा को बाळक क्यो के मूँ तो रूँकड़ा पे ने छड जाणूँ। माराज क्यो के छडणो तो पेड़ी। राजा को बाळक रूँकड़ा पे छडबा लागो माराज वींने बताता जारया हा अन वो छडतो जारयो हो। वो बाळक ठेट ऊपरे छड ग्यो हो।वो नीचे नाळ्यो तो माराज ओटने देक रया हा। वींने पाचो नीचे उतरणो हो। राजा को बाळक पाचो नीचे उतरबा लागो माराज वींने क्यो के हमळन उतरज्ये। वो बाळक नीचे उरग्यो हो। माराज वींने क्यो में थने छडती दाण हमळबा की ने क्यो काँ की जींदाण थूँ हमळ्यो तको हो। अन नीचे उतरती दाण थूँ हमळ्यो तको ने हो। ईं बाते मूँ थने हमळबा की क्यो हो।
प्रसन-1. माराज का आसरम में कुण भणबा ने आता हा?
2. माराज का आसरम में नुवो बाळक कुण आयो अन वींने माराज कई करबा की क्यो हो?
3. माराज वींने नीचे उतरती दाण हमळबा की काँ क्यो हो?
अणी केणीऊँ भणबा वाळा मनकाँ ने कई अकल मले लिको —