कुणी थारा लगन लिकाया बाळक बनड़ी

कुणी थारा लगन लिकाया बाळक बनड़ी-2, कुणी ने परणाया थाँने लाड सूँ।टेर।
दादोसा तो लगन लिकाया बाळक बनड़ा-2, माता बई परणाया माने लाड सूँ-2
कुणी थारा लगन लिकाया………॥1॥

बना मारो केसरियो हजारी गुल रो फूल

बनो मारो केसरियो हजारी गुल रो फूल, चम्पेरी केरी फाँकड़ी-2॥टेर॥
ओ बना मारा बादळियो मदराई मुजरे बान्द, केसरिया री नजराँ लागरी-2,
बनो मारो केसरियो………॥1॥

ओ मोवन मुरली मण्डप्ये बजाई रे

ओ मोवन मुरली मण्डप्ये बजाई रे
ओ मोवन मुरली मण्डप्ये बजाई रे, 
छोड्‍यो सब ही काज रास रमबा ने आई रे॥
सुण कर मुरली मोवनी मारो मनड़ो मस्त वेग्यो,

सतगरू माँ सूँ मिलता जाज्यो जी

तर्ज– सतगरू माँ सूँ मिलता जाज्यो जी…
ओ झालर संख नंगारा बाजे जी, उपरमाळ का मंगरा माही जोगण गाजे जी ॥
तुँही हे जगदम्ब ज्वाळा, उमा, रमा, ब्रह्माणी,

घूमर

तर्ज– घूमर
नाचे भोळा नाथ, नाचे नंदी गणपत साथ रे,
निरख-निरख ने देके गोराँ, मन ही मन हरसात रे॥
डम – डम बाजे डमरू, बाजे नंदी गण को घूघरो,

सूती नर आयो रे जंजाळ

तर्ज– सूती नर आयो रे जंजाळ…
सीताँ जी दुकड़ो भोग्यो, वेसो कोई ना भोगे जग के माय,
विधाता थारी कलम क्यों नी रुकी ए॥