थाळी भरने लाई खीचड़ो

तर्ज – थाळी भरने लाई खीचड़ो
राम राके ज्यूँई रेणो भाया, मतना छोडो दायरो,
ढळती मळती छाँयाँ या तो, हरतो फरतो बायरो ॥

उण्डा-उण्डा खादरा में नोपताँ बाजे

तर्ज– उण्डा - उण्डा खादरा में नोपताँ बाजे
ढोल नंगारा नोपत बाजे संख धड़ुके,
घाटा वाळी के घाटा में मोटी धजा फड़ुके ॥
खरधर खांडे धार खादरा घाटो चढ़के,

देवळ रमें जी देवळ रमें

तर्ज - देवळ रमें जी देवळ रमें
नोपत बाजे जी नोपत बाजे, राम रुणीजा में नोपत बाजे ॥
राम सरवर री पाळ कँवराँ री गादी,
धाम धजाबंद अखण्ड समादी,

धन बाबा जी धन बाबा जी रे

तर्ज– धन बाबा जी धन बाबा जी रे
धन गुराजी धन गुराजी रे,
गुराँ पीराँ की जात एक हे, नेणा बरसत नूराँ रे ॥
अपने अपने हवारत खातर, हर कोई मानुस जीवे,

काना थारी मुरली ने

तर्ज–काना थारी मुरली ने
आवो आवो जी साँवरिया मारी भाव नगरी, कंचन काया नगरी ॥
पाँच तत्व रो देवळ बणियो, सोहनी सीकर मोत्याँ सूँ जड़ियो,

धन बाबाजी रे

तर्ज-धन बाबाजी रे
भम्म भोळा रे बाबा भम्म भम्म भोळा रे ॥
जाड़्या जरणा पहाड़ाँ माही रहे सदा सिव भोळा,
सोवे निरंजन समसाणा में, संग भूतन का टोळा रे ॥ भम्म�॥1॥

धन धन रामा पीर लजिया

तर्ज–धन धन रामा पीर लजिया
समरथ सतगरू आप सरणे राकज्यो, पल - पल  सिमरूँ जाप, सरणे राकज्यो ॥
सत साहेब हे मारे सहाई, भव सागर में ओर हे नाही,