मेवाड़ी पारस्याँ (1-50)
1. एक बाण्यो ठमकदार, वीं इण्डो मेल्यो अस्सी हजार।
अमल को डोडो।
2. 'वा गी, वा अई' ।
नजर
3. पाणी उपरे हला तरती देकी।
कांजी
4. गेर गुमेर बूँटी, गेले जाताँ लूटी ।
बोल्डी
5. गोळ दार चकरी, पीळी दार पई, जो ने हेड़े वींको बाप सपई।
बाळी
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