मेवाड़ी पारस्याँ (1-50)

1. एक बाण्यो ठमकदार, वीं इण्डो मेल्यो अस्सी हजार।
    अमल को डोडो।


2. 'वा गी, वा अई' ।
    नजर


3. पाणी उपरे हला तरती देकी।
    कांजी


4. गेर गुमेर बूँटी, गेले जाताँ लूटी ।
    बोल्डी


5. गोळ दार चकरी, पीळी दार पई, जो ने हेड़े वींको बाप सपई।
    बाळी

मेवाड़ी पारस्याँ (51-100)

51. जिंदाण आवे विंदाणी होस उडावे, पण पछे केवे अबे आजा।
      नीन्द


52. रातने तो रोवे अन दन मे हुत्ती रेवे।
      चमनी


53. एक घर में रेवे दुई जणा अन हारई मनक केवे के दुई भई कदी ने मल्या।
      हूरज अन चाँद


54. बना माता को मनक, मंगरा में चरबा जावे।
      कुराड़ो


55. चाले आगे अन देके पाछे।
      कुराड़ो