51. जिंदाण आवे विंदाणी होस उडावे, पण पछे केवे अबे आजा।
नीन्द
52. रातने तो रोवे अन दन मे हुत्ती रेवे।
चमनी
53. एक घर में रेवे दुई जणा अन हारई मनक केवे के दुई भई कदी ने मल्या।
हूरज अन चाँद
54. बना माता को मनक, मंगरा में चरबा जावे।
कुराड़ो
55. चाले आगे अन देके पाछे।
कुराड़ो
56. अन्दारी ओवरी मे दी को टपको।
रिप्यो
57. अन्दारी ओवरी में खूँट्याँई खूँट्याँ।
आगपेटी में तुळी।
58. एक खूँटो जींके बत्तीस बकरा।
खजूर
59. बाण्डो हाती दुई पाल्डे मूते।
घर
60. उन्दी केलड़ी, फूल्या हेकार्या।
तारा
61. एक भाटा रेटे च्यार ढोकळा।
भेंस का बोबा।
62. हात लगाबा देवे पण माता पे ने छडबा देवे।
थोर
63. काळी छाळी कंतार खान पादी।
बन्दूक
64. दुई बेना मलबो छार्री पण मल ने सके।
आँक्याँ
65. एक डोकरी के टाट्या छोरा।
बील्ला
66. माता पे हुँवाळी पण मइने रुँगाळी।
केरी
67. आट अटई दूँ गाड़ी गुड़ई दूँ, गाड़ी के चलको थूँ मारो लड़को।
बळदगाडी
68. च्यार खूँट चोईस नंगारा जिंपे खेले दो बणजारा ।
चाँद हूरज
69. एक रूँकड़ा एकी पान्दड़ो, वो बी रंग बिरंग। करे विंने नमन, मन में भरे उमंग।
झंडो
70. तीन आँक्याँ हे विंके फेर बी रेवे तीनी बंद, मीने पाणी भर्यो कटऊँ, पाळी पे हादो रंग।
नारेळ
71. एक मेल के तीन बान्ना, खुले एक लारे, कमरो बी कोइने अन सामान मेल्यो तको हे, फेर बी ठावो-ठिको हे।
संक
72. एक चाले चीता की चाल, दूजो घोड़ होय। तीजो चाले हाती की चाल, फेर बी हेट-बेट होय॥
घड़ी
73. ने तो उबो जमीन पे, ने उपरे कई सारो। कदी तो देवे ठण्डी छाँयाँ, कदी पड़े पीटो
बादळा
74. मामा जी के नो लाक गायाँ, रात ने चरावे दन में बान्द देवे।
तारा
75. ने किंकोई नुकसाण करे, बराबर पाँती कर नाके।
ताकड़ी
76. कटे गळी में, कटे खेत में अन मंगरा पे उबो रेऊँ, माराऊँ हे जग उजाळो, हर मोसम मारो एक हरिको।
लेण को थाम्बो
77. हाँप जस्यान मूँ लाम्बो, दोई मुण्डा मूँ चालूँ। एक ई गेला में आऊँ-जाऊँ, हर दम आगे बडतो रेऊँ।
रेल
78. एक पग पे उबो रेऊँ माता पे राकूँ छतरी, बड़्या वाळी साग केवे जाणो तो बतावो खतरी।
मसरूम
79. बीजळी कड़की आसमान में, गाजे मन धड़कावे। छाँयाँ बादळा छम-छम नाचे, गोप्याँ ने लुभावे।।
मोर्यो
80. हाँज वेता-वेता तन थाके, नींद बुलावा लागी। मन बावळो दर-दर भटके, कटे-कटे गुमावाँ चाली।
हपनो
81. पल आवे पल में जावे, ठण्ड पसीना को एसास करावे।
तावड़ो अन छाँयाँ
82. फाँकड़ा हे पण सुरगली कोइने, फेर बी उड जऊँ। पणी में हे मारी दन्याँ, बिन पाणी मर जाऊँ।
माँछळी
83. काळी काळी दिकूँ पण हाराँकेई मन भाऊँ। कवि ने हूँ पण हारई केवे, मीटा गीत हुणाऊँ॥
कोयल
84. बाँद गळा में फाँसी को फंदो दब्या तका गारा का मीने, खाबा ने जदी विंने उकालाँ, मजा मूँ लटकर्या बन्दर।
मूँफळ्याँ
85. जतरो रोवे वतरो गमावे।
मोमबत्ती
86. पाँच परेवड़ा पाँच ई रंग, घर में गुसे तो एक ही संग।
पान
87. दो बतकाँ के दो इण्डा एक उनो एक ठण्डो।
हुरज अन चाँद
88. बत्तीस फींपळ्याँ के एक पान्दड़ो।
दाँत अन जीब
89. मूँ लीली मारा बच्या काळा, मने छोडन बच्या ने खावे।
इलायची
90. एक मंगरो अस्यो जणिमें पाणी भर्यो, रुकाळो विंको तीर चलावे आद अणा दे नानी।
माँक्याँ माळ अन छातो।
91. रोज दन उगाँ टेम पे आवे, दन में सबने गेलो बतावे। हाँज पड़्याँ हाराँकी जस्यान, आपणा घरे वो परो जावे।
दन बावजी
92. हळद को गोळो रे भाया पीतळ को लोट्यो, ज्यो नी हेड़े वो ईंको बेटो।
बीलपत्तर
93. तळाव का बचमें डोडो – बाँको रूँकड़ो।
जळ कुम्बी।
94. रातो बळद हऊ लागे पण बाँका हींगड़ा दरपावे, पकड़बा ने हात लगावे तो हात के लबूर्या भर लेवे।
बोर अन काँटा।
95. फोरा-फोरा थेला लेन घूमे जग में बाबा, ने करम का ने काम का फेर बी चमके ढाबा।
काद्यो
96. दो मुण्डा की डोकरी पेट राके खाली, ठोके रेबट की तो बोले मीटी।
ढोलक।
97. अस्यो कस्यो वाहन हे ज्यो आपणा उपरे वेन निकळ जावे तो भी आपणे कई ने वेवे।
हवा जाँज
98. बना पाता को जनावर, फाँकड़ा विंके हजार। उड बी ने सके, फेर बी लागे बजार।
किताब
99. अस्यी कसी चीज हे जिंने काटबाऊँ लो रोवे कोइने पण गाणो गावे।
केक
100. छत्तीसगढ़ का बचमें कुण हे।
“स”
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