मन रे मनक जूण में आय कई न कई करजा रे करजा (तर्ज-रसिया)

तर्ज- रसिया
मन रे मनक जूण में आय कई न कई करजा रे करजा,
ममता मार जार जरणा ने जरजा रे जरजा॥
च्यार खान मूँ मनक जूण का हे ऊँचा दरजा,

मारे लादे रे लादे जमकुड़ी (बजरंग वंदना)

(बजरंग वंदना) तर्ज- मारे लादे रे लादे जमकुड़ी
बाबा आज्यो रे आज्यो, थें धूप धूँवाड़े लाज्यो॥
परमळ सूँ पाट पुरावाँ पगल्या में फूल छडावाँ,