मीराँ को जाग्यो बेराग हरि का रंग में।
हरि का रंग में रे, सादाँ का संग में।टेर।
जेर पियालो राणो भेज्यो, दियो मीरां के हात।
कर चरणामत पी गई जी, सहाय करी गोराँ।१।
सरप पिटारो राणो दिनो मीरां न जार।
खोल पिटारो देकण लागी बणग्यो नोसर हार।२।
सेर जंगळ का लाय के जी, भेज्यो मीराँ के पास।
गाय बन गई दरसणी जी, चरबा लागगी घास।३।
सादू आया सहर में जी, मीराँ हुणरी अवाज।
तन मन मूँ सेवा करे, हरि मिलन के काज।