मेवाड़ी केण्याँ

बीरबल की चतुरई

एक दाण अकबर का मेलाँ में हारई दरबारयाँ बीरबल ने फसाबा की कळा होची ही। हारई दरबारी होच्यो के कस्यान - कस्यान बीरबल ने फसाणो पड़े। दरबारी सल्ला किदी अन अकबर ने जान क्यो के

दान को फळ

एक दाण एक राजा हा, वाँके खोज जारर्यो हो, वाँके तीन राण्या ही पण वाँके बाळ-बच्या ने व्या हा। राजा एक दम उदास रेता हा। एक दन वाँके घरे एक माराज आया हा, वाँ राजा ने क्यो के

थूँ बी माराज बणजा

एक राजा हा, वाँका नंगर में बन्दोळी नीकळ री ही। वणी गेला में एक माराज बेटा हा। राजा का नोकर वाँ माराज नें क्यो के, माराज थोड़ाक गेला मूँ छेटी वेजावो। राजा की बंदोळी आरी। म

ठाला मनक ने काम पे राकन पछताणो

एक दाण राजा का मेलाँ में एक नोकरी पे एक मनक हो, ज्यो काम करबा वाळो अन एमानदार हो अन बना हवारती हो। काम हो हाती, घोड़ा, होनो, चांदी, हिरा, मोती ये चीजाँ को मोल करन वाँका ध

टेम- टेम को मोल

एक राजा हा, वाँका बाळक ने एक फोरीक गलती मूँ देस निकाळो दे दिदो हो। वे राजा वाँका बाळक ने देस निकाळो देन आरामऊँ रेबा लागा हा। राजा धीरे-धीरे भूडा वेबा लागा। राजा ने वाँका

खुद का जाळ मूँ कुई ने छोडा सके

एक दाण एक राजा हा वाँ एक फोरा राजा पे हमलो कर नाक्यो। अन वाँ राजा वीं राज का राजा ने मार नाक्या हा अन वे वीं राज का बी राजा बण ग्या हा राजा वीं राज का मंतर्या ने अन वटा क

खास बात जाणणी

एक मनक जेळ में ग्यो, उटे जान देके तो राजा आया हा अन वाँ राजा के सब मनक धोग लागर्या अन केर्या के माका कई हुगला काम ने किदो हो। माने दुजा मनक फंसा नाक्या ईं बाते माने छोड न

काळजा को प्यालो

एक राजा हो, वींका दरबार मे जो कुई मांगबा वाळो आतो, तो वींका मन ने भरणो राजा को नेम हो। एक दाण राज मेल में एक माराज आया। राजा वाँ माराज ने क्यो के मांगो थाँकी कई मरजी हे?

कस्या दन हऊ रेवे

एक दाण एक नगर में एक सेटजी रेता हा। वाँके च्यार बेटा हा। च्यारी बेटा पन्या तका हा। एक दाण सेटजी वाँका च्यारी छोरा की भूवाँ ने न्यारा-न्यारा सवाल पूँछ्या हा। वाँ क्यो के ब

कस्यीक बीती

एक गाम में हाँज की टेम में एक माराज फरता-फरता ग्या। वे एक मिटायाँ वाळा की दुकान के आगे जान रुक्या अन हलवई ने क्यो के, मूँ थारी दुकान में एक रात के बाते रूकूँ। हलवई क्यो क