एक राजा हा, वाँका नंगर में बन्दोळी नीकळ री ही। वणी गेला में एक माराज बेटा हा। राजा का नोकर वाँ माराज नें क्यो के, माराज थोड़ाक गेला मूँ छेटी वेजावो। राजा की बंदोळी आरी। माराज क्यो के राजा की सवारी आरी हे ज्यो कई मोटी बात हे कई? वाँने जान केदे के मारे धोग देन आराम मूँ निकळ जावो, काँकी गेला मे माराज बेटा हे। नोकराँ क्यो के राजा के लारे वाँका हाती अन रत, घोड़ा हाराई हे। आपने अटऊँ छेटी वेणो पड़ी। माराज क्यो के हाती घोड़ा, रत, फोज हे तो दूजो गेलो पकड़लो, उने वेन नीकळ जावो अन वाँने केदो के थूँ राजा हे तो मूँ बी माराज हूँ, माराज तो अटेइज बेटी अन माराज की सवारी ने डग सके। बात राजा तक पुगी, राजा मन का हूदा हा, वे रत मूँ नीचे उतरन आया अन माराज ने क्यो के। राजा के नके तो राज वेवे, नोकर वेवे, माल-खजानो वेवे, होना-चान्दी का भण्डार भरया तका वेवे। अन राजा के नके तो राज को झण्डो वेवे, थाँका नके कई हे? माराज क्यो के थारा राज ने दूजा कोस लेवे, दुसमणा मूँ थने दरपणी लागे, अन थने थारा राज की नंगे न्यारी राकणी पड़े। पण मारा नके तो कई ने हे, मारे कुई दुसमण कोइने, ने मारे सीमा की नंगे राकणी, ने मारे नोकर छावे। थारे तो सेवा करबा के बाते नोकर छावे अन वाँने तनका बी देबा के बाते धन बी छावे। थारो अणी राज मेइज आदर केरी अन मारी तो मूँ जटे बी जावूँ उटे मारी सेवा वेवे। माके ने तो नोकर छावे, अन ने धन छावे काँकी माके कई खरचो बी कोइने ज्यूऊँ। जो थाँका झण्डा की बात करर्यो हे, वाँको थाँका खाली बारला ढोंग हे अन माकी तो अन्तरआत्मा तक का झण्डा लेरा रया हे। में जटे बी नजर नाकाँ उटे माको राज वे जावे। थारो राज तो परतवी पे थोड़ाक दना को हे अन माको राज तो मनकाँ के मन पे हे। में परा बी जावाँ तो बी मनकाँ के मन पे माको राज रेई। ईं बाते में माराज हाँ अन थाँका राजा हो, मा छावाँ के थूँ बी माराज बण जा।
प्रसन-1. माराज गेला में बेटा हा, वीं दाण माराज ने कुण आन क्यो के अटऊँ डोडा वेजाओ?
2. राजा का नोकर माराज ने गेला मूँ उटबा के बाते क्यो तो माराज वाँने कई क्यो हो?
3. राजा रत मूँ उतरन आया वाँने माराज कई बाताँ की ही, अन वाँ बाताँ ने राजा मानी के, ने मानी?
ईं केणीऊँ भणबा वाळा मनकाँ ने कई अकल मले लिको —