एक गाम में हाँज की टेम में एक माराज फरता-फरता ग्या। वे एक मिटायाँ वाळा की दुकान के आगे जान रुक्या अन हलवई ने क्यो के, मूँ थारी दुकान में एक रात के बाते रूकूँ। हलवई क्यो के थाँकाणी मारी दुकान में रात रूको, तो मारो तो मोटो भाग हे, एक माराज मारी दुकान में रात रूकर्या। माराज दुकान के एक खुणा में आपणो आसन लगान ध्यान करन वे उटेईस हुग्या। हलवई की दुकान के हामेईस राजा को मेल हो। मेलाँ का झरोका मूँ राजा वाँ माराज ने देक्या तो राजा होच्यो के सायद कुई मांग खाबा वाळो हे दिके, ज्यो ईंने हेराँपेली मेलाँ में बलान कई देऊँ। गरीबाँ के दुक में चेतो राकणो मारो काम हे। हेराँपेली राजा वाँ माराज ने मेंलाँ में बलाया अन क्यो के पदारो माराज! रात कस्यीक बीती? माराज क्यो के आदी रात तो थाँका जस्यी अन आदी रात थाँकामूँ बी हऊ बीती। राजा माराज की बात हूणन क्यो के माराज थोड़ाक होच हमजन बोलो, थाँ वीं हलवई के उटे तो नीचे हुत्ता हा अन केर्या के आदी रात मारा जस्यी अन आदी रात मारामूँ बी हऊँ निकळी। माराज क्यो थाँका रीस मत करज्यो, मने बतावो के आप कतरी बज्याँ हुत्ता हा? राजा क्यो के आदी रात केड़े। तो माराज क्यो के मूँ बी आदी रात के केड़े ईज हुत्तो हो। तो थाँने अन मने दोयाँ ने नीन्द आगी तो फूलाँ का विछाणा में अन जईगाँ में कई फरक र्यो। ईं बात मूँ तो मारी आदी रात तो आप के जस्यीज निकळी। अबे आप बतावो के आदी रात तक आप कई कीदो। राजा क्यो आदी रात तक मारा नके घणो काम हो, दूजा देसाँ पे छडई करणी अन खजाना में धन कतरोक हे, यो जाणबा के बाते पेरादार मूँ मल्यो। भड़ला देस मारा देस पे हमलो करबा की करर्या जो वाँमू नीपटबा के बाते रणनीती ते करबा लागग्या हा, अस्यान तरेऊँ आदी रात बीती। माराज क्यो के अबे मारी बात हुणो! हाँज पड़्याँ के केड़े में भगवान को ध्यान कीदो, सब देवी देवता मूँ मापी मांगी, दूजो टेम नीन्द आबा के केड़े आराम मूँ हुत्तो हो। अबे थाँका बी बतावो के मारी आदी रात थाँका मूँ हऊ निकळी के ने नीकळी। राजा हात जोड़न केबा लागा के मने माप कर दो। थाँकाणी हाँचा हो मूँ तो थाने मांग खाबा वाळो हमजर्यो हो। थाँका तो आत्मा का धन का मालिक हो अन मारा नके तो अतरो धन वेताँ हाँतर बी मूँ गरीब हूँ।