बरसी रे बरका बरसी
तर्ज-बरसी रे बरका बरसी
खमा खमा रे घणी खमा, बजरंग बलधारी ने,
ज्याँके राम बसे हे नेण, भगत भय हारी रे ॥
सीता जी की खबर लेयने लंक जलाने आया,
- ओरी भणो
- खोलो सुझाव नाको
तर्ज-बरसी रे बरका बरसी
खमा खमा रे घणी खमा, बजरंग बलधारी ने,
ज्याँके राम बसे हे नेण, भगत भय हारी रे ॥
सीता जी की खबर लेयने लंक जलाने आया,
तर्ज-साँवरिया थारी मुरली ने
ओला गोटे-गोटे भांग डळी हरियाळा बागाँ में रे रसियाळा बागाँ में ॥
गेर गुमाळा बड़ल्या केरी गेरी-गेरी हे छाँयाँ,
तर्ज- भाबासा री लाडली कटीने चाली रे
ओ अलबेली छेल छबीली बण नकराळी रे,
छम-छम करती भीलणी कटीने चाली रे ॥
सुवा जेसी नाक तिहारी, होट गुलाबी थाराये,
तर्ज- रणूजा वाळो मारा काळजा री कोर
बजरंग बालो रे मारी काळजा री कोर,
हाक चढे हारिया की आवे बाबो दोड़, संतवाळी डोर ॥
भीड़ चढ्यो रे राजा राम रघुराय के,
तर्ज – कन्हेया तेरी मुरली ने दिवाना कर दिया…
खेले-खेले रे छोगाळा होळी रंग फागाँ में, बजे चंग फागाँ में॥
फूलाँ छावत में घाडम्बरियाँ,
तर्ज – बरसी बरसी रे बरका बरसी सांवण…
वारी वारी रे बाबा वारी, बलिहारी नेजाधारी ने।
जटे उडे रे निसाण, रणुजे निरंकारी ने॥
तर्ज- थारी धजा उडती धाम
मन करे यो रंग हजार, मन यो बहुरंगी,
थूँ रीज्ये घणो हुँस्यार, मन यो बहुरंगी॥
यो कदीक बेचे ओडलो, यो कदीक लेवे घोटलो,
तर्ज – बरसी रे बरसी बरका
मरसी वा मरसी नानी मरसी, भाग्याई मने सरसी,
मारो भगत बो करे छे विलाप, हे भोळो नरसी॥ ओ. म…॥
राधा रुकमण गाटी बेटो, होले होले हालरिया,
तर्ज- अंगुळी पकड़ मेरा कूँचा रे
पला पकड़ ने अंगुळी पकड़ी, कूँचा पकड़ कर मोड़ दिया,
ओ मेया तोरे काना ने गागर हमारा फोड़ दिया, नत का मोती तोड़ दिया ॥
तर्ज - थाने देक-देक हिवड़ा
हट ना पकड़ो अरी गोरजा मानो मारी बात री,
थाँने परणबा आवेलो ओगड़ियो भोळानाथ री।
होकर नंदिया पे असवार, सिर पे साँपों का सिणगार,
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