बरसी रे बरसी बरका
तर्ज – बरसी रे बरसी बरका
छळके रे छळके छेली छळके छोगाळा माथे छळके,
पेचे तुर्रे हे तार हजार, मूंगा मोती मळके॥ छळके………॥
रंग रंगीलो चटा पटा रो बागो गेर घूमाळो,
- ओरी भणो
- खोलो सुझाव नाको
तर्ज – बरसी रे बरसी बरका
छळके रे छळके छेली छळके छोगाळा माथे छळके,
पेचे तुर्रे हे तार हजार, मूंगा मोती मळके॥ छळके………॥
रंग रंगीलो चटा पटा रो बागो गेर घूमाळो,
तर्ज- जब आवेलो बलम बेरी
थारे जोड़ाँ-जोड़ाँ हात, मारा परथी रा नाथ,
मारा द्वारका रा नाथ, धीरे-धीरे हाको थोड़ी रथड़ी ने ॥
गेले-गेले गडरी में हाको मारा साँवरा,
तर्ज-मति कर मन अन धन रो गुमान
पीवजी पदारत मारे परबारे देस, चूंदड़ ओडाई रे मूंगा मोला री।
हीरा रा हजारी मारा लाकाँ रा लेवाळ, चूंदड़ ओडाई रे मूंगा मोला री॥
तर्ज- ऊँचो-ऊँचो घाघरो मारी जाजर
हरिया हरिया रूँकड़ा में हरियाळी मझधार,
आयेंगे राम मेरे में करती हूँ नित इन्तजार।
तर्ज- ऊँचो-ऊँचो घाघरो मारी जाजर
हरिया हरिया रूँकड़ा में हरियाळी मझधार,
आयेंगे राम मेरे में करती हूँ नित इन्तजार।
तर्ज- रसिया
मन रे मनक जूण में आय कई न कई करजा रे करजा,
ममता मार जार जरणा ने जरजा रे जरजा॥
च्यार खान मूँ मनक जूण का हे ऊँचा दरजा,
(सतगुरु वंदना) तर्ज- सावण आयो रे
कटे जग जंजाळो रे, सतगरू सरणा में चालो रे,
सरणा चालो चरणा माही, बेगा बेगा हालो रे॥
(बजरंग वंदना) तर्ज- मारे लादे रे लादे जमकुड़ी
बाबा आज्यो रे आज्यो, थें धूप धूँवाड़े लाज्यो॥
परमळ सूँ पाट पुरावाँ पगल्या में फूल छडावाँ,
(माँ वंदना) तर्ज- आरती रे हरी री आरती
आपूँ आप अखंड अवतार, व्यापन चराचरी संसार,
जननी जग में जय जयकार, आज्यो अंबिका ये, मावड़ी अंबिका ये॥
मीराँ को जाग्यो बेराग हरि का रंग में।
हरि का रंग में रे, सादाँ का संग में।टेर।
जेर पियालो राणो भेज्यो, दियो मीरां के हात।
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