एक दाण हिंयाळ्यो हो, वो रोज गाम में जातो। एक दाण वींकी लुगई क्यो के काओ मनकाँ थाँ मने बी गाम में लेन जावो ने। हिंयाळ्ये क्यो के वा बेण्डी थने कटे गाम में लेन जऊँ गाम में आपणे पट्टो कोइने, जणी बाते आपाने उटे ने जाबा देवे। हिंयाळी गाम में जाबा के बाते जिद पकड़ी के मूँ तो गाम में जाऊँ, ने तो मर जऊँ। हिंयाळ्या ने एक दन काँकड़ मे एक कागद लादो, वींका नके लेन वो हियाळी के नके लेन परोग्यो अन वींने क्यो के आज मूँ थारे बाते गाम में जाबा को पट्टो बणान लेन आग्यो। अबे आपाँ गाम में आराम मूँ गूमा। हियाळी दूजी लूगायाँ ने केबा लागी के वा बी काले गाम में जई, जट पट हियाळी त्यार वेगी अन नवा गाबा पेर लीदा, चटक-मटक बणगी जाणे नवी भू वेवे जस्यान। दूजे दन हियाळ्यो अन हियाळी दुई जणा गाम में ग्या। गाम का हेरया में धसतई वाँके लारे गण्डकड़ा लारे पड़बा लागा के अबे हियाळ्यो तो दोड़रयो अन हियाळी केरी के काओ मनकाँ याँने यो पट्टो बतावो, तो हिंयाळ्ये वींने क्यो के परी भाग ने तो ये अबाणू फाड़ नाकी। वीं क्यो के याने पट्टो बतावो, वीं क्यो के ये हारई अणभण्या हे, ये पट्टा ने बी फाड़ नाकी अन थने बी फाड़ नाकी।
परसण -
1. हिंयाळ्यो रोज कटे जातो हो?
2. हिंयाळी के कटे जाबा की जची ही?
3. हिंयाळ्यो अन हिंयाळी गाम में गी तो उटे कई व्यो हो?
ईं केणीऊँ भणबा वाळा मनकाँ ने कई अकल मले लिको