एक दाण एक राजा हा, ज्यो घणा हऊ हा अन वाँका राज में मनक घणा हऊ रेता अन वे मनकाँ को न्याव बी करता हा। एक दन वाँ राजा होच्यो के सब मनक मने घणो हऊ माने पण मारा में बी एकन-एक ओगण बी वेई पण वो ओगण हे कस्यो। काँकी मूँ बी वीं ओगण ने हुदारबा की कोसीस करूँ। राजा वाँका मेलाँ में बी मनकाऊँ पूँछ्यो पण सब मनक वाँकी तारीप कीदी ही, कुई एक बी ओगुण ने बतायो। एक दन वे ईं ओगुण वाळी बात की नंगे करबा का बाते रत लेन निकळग्या। गेला में रत लेन जार्या हा। रत एक हंकड़ा गेला में वेन निकळर्यो हो, आगूँ एक दूजा राजा को रत बी वींस गेला में आर्यो हो। वे राजा बी याँ राजाऊँ कम कोइने हा। दुई बराबर वाळा हा, काँकी वे बी वाँका राज में मनकाँ ने घणा हऊ राकता हा अन सब मनक वाँ राजा की घणी इज्जत करता हा अन वाँका राज में बी मनक आरामऊँ रेता हा। दुई बराबर का हा, तो कुई बी रत ने पाछे ने लेजावे। दोयाँ में जोर की टक्‍कर वेबा लागी। जतरे पेली आया ज्याँ राजा को रत चलाबा वाळो क्यो के ज्ये राजा हेला हऊ वेई, वेई रत ने पाचे लेन जई। दोयाँ में या हरत वेगी ही दूजा राजा को रत चलाबा वाळे क्यो के मारा राजा-रीस वाळा मनक ने रीसऊँ हमझावे, धन वाळा मनक ने धनऊँ हमजावे, घमण्ड वाळा ने घमण्डऊँ हमझावे। अन थारा राजा पेली आया ज्याने पुछ्यो वीं क्यो के मारा राजा रीस वाळा मनक ने परेमऊँ हमझावे अन धन वाळा मनक ने गरीबीऊँ हमझावे अन घमण्ड वाळा ने नरमई ऊँ हमझावे, अतरी बात हुणन दुजा राजा रत ने पाचो लेजाबा लागा अन वाँ राजा ने जाबा दिदा हा। ईं बाते जोरऊँ अकल अन नरमई मोटी हे।