एक दाण एक राजा का राज में सभा वेरी ही। उटे दो भई आया अन क्यो के माको एक फेसलो करो। राजा क्यो के कई फेसलो! बतावो? वाँ क्यो के थोड़ाक दना पेली माका बापू मरग्या हा वाँको एक खास हार हो, वो हार मारा भई नके हे, पण मारो भई केवे के हार मारा नके कोइने। मोटके भई क्यो के वो हार नकली हो अन वो गमग्यो। जतरे वीं क्यो के मारा बापू मनकाँ ने होनो दान करता हा, वे नकली हार काँ राके। उटे तेनालीराम बेटो हो, वीं क्यो के थाँका बापू होनो राकता हा वाँ पेट्याँ ने काले अटे लेन आज्यो वे दुई जणा वाँका बापू की दुई पेट्याँ लेन आया। तेनाली राम वाँ पेट्याँ ने खोली, पेटी का एक खुणा में एक ओरी फोरी पेटी लागी तकी ही।वीं क्यो के ईं पेटी ने वे कई करता हा। वाँ दुई जणा क्यो के ईं पेटी में मारा बापू वीं मूँगा हार ने मेलता हा। तेनाली राम क्यो के अतरा जापता मूँ मेल्यो तको हार कदी नकली ने वे सके। काँकी वींने ईंमें राकता हा ईंको मतलब वो जूटो ने वे सके। पचे वो मनक बी हाँच बोलग्यो हो, वींने वींका बापू का धन मूँ आदी पाँती दिदी ही।