तर्ज - देवळ रमें जी देवळ रमें
नोपत बाजे जी नोपत बाजे, राम रुणीजा में नोपत बाजे ॥
राम सरवर री पाळ कँवराँ री गादी,
धाम धजाबंद अखण्ड समादी,
हाजराँ हजूर रामदेव बिराजे ॥ राम॥
मेंवाड़ गोडवाड़ मारवाड़ धावे,
माळवो गुजरात घर घर में मनावे,
बीज रे उजाळी का जमा जागे ॥ राम॥
निर्धन ने धन बाबो पांगा ने पांखा रे,
बाँजा ने बाळक्या देवे, आन्दा ने आँक्याँ,
कोड्या रा कोड कटे, पापी लजे ॥ राम�
उँचा - उँचा देवरा निसाण फड़के,
उण्डी-उण्डी थळियाँ में संक धड़ुके,
"भेरव" रे जीणी - जीणी झालर बाजे ॥ राम�