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एक दाण एक माराज हा वांका आसरम में भणबा वाळा बाळकां की भीड़ घणी वेगी ही ईं बाते वांने माराज भगवान का नाम लेबा में कम ध्यान लागबा लागग्यो हो अन आकुई दन आसरम की देक रेक में निकळ जातो हो। एक दन माराज एक नेम बणायो हो के आजूँ सब बाळक आपणा-आपणा घरे परा जावो अन माराज खुद बी उटूँ परा ग्या हा। थोड़ा सालां केडे एक बाळक वां माराज ने देक्या ज्यो वे सादां की टोळी में मांग खारिया हा। वो बाळक वीं दाण वां माराज नके ग्यो अन वां माराज ने मने आप ज्ञान देबा की क्यो हो। माराज वीने वांका लारे राक लिदो हो अन वो बी वां माराज का हाते मांग खाबा लागग्यो हो। दन ने गरू - चेला दोई जणा मांग खाता अन स्याम-सूबे भगवान का नाम लेता हा। चेला ने मांग खाबा में सरम आती ही पण वींके ज्ञान हींकबा बा का बाते वो नाम ने लेतो हो। एक स्याम को घरे आया तो वांका हाते एक माराज ओरी रेतो हो वींकी मोत वेगी ही। माराज वीं चेला की मदतऊँ वींने बाळ नाक्यो हो। मसाणाऊँ आया अन माग्या तका ऊँ रोट्यां खा - पी अन हूग्या हा माराज ने तो नीन्द आगी पण वीं चेला ने नीन्द ने अई ही अन ने वीं कई खादो हो। माराज दूजे दन उट्या अन क्यो के आज आपां मांग खाबा ने चालां वां क्यो के मरग्या वे माराज मांगन लाया वो हाल तक पड़्यो हे आज ईंऊँ आपणी आजकी टेम निकळ जई। चेले वीं मरिया तका को माग्यो तको खाबा की बात हूणन वींने उल्ट्याँ वेबा लागगी ही। अस्यान देकन मारा वींने क्यो के थूँ थारा घरे परो जा कां के थाराऊँ अबे ज्ञान ने हींकण्या आवे। वो मनक पाचो घरे परोग्यो हो।

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