एक दाण की बात हे, काँकड़ में एक जनावर हो अन वो होना की पीट करतो हो। एक दाण वीं रूँकड़ा का रेटे एक सिकारी निकळर्यो हो, वींदाण वीं जनावर सिकारी पे फीट कर नाकी ही। वीं फीट ने देकतँई अचम्बा में पड़ग्यो के फीट होना की हे। वो वीं जनावर ने पकड़बा का बाते जाळ नाक दिदी ही। थोड़ीक देर केड़े वो जनावर वीं जाळ में फंसग्यो हो अन वो सिकारी वींने घरे लेग्यो हो। घरे लेजान वीं होच्यो के- "ईं जनावर का बाते राजा ने जान कुई केदेई तो राजा मने मार नाकी, अणी बाते मूँ ईं जनावर ने राजा नके ले जऊँ। वो मनक वीं जनावर ने राजा नके लेग्यो अन राजा वीं जनावर ने देकन घणा राजी व्या हा अन वे राजा मंतरी ने क्यो के ईं जनावर ने होना का पिंजरा में बन्द कर नाको। मंतरी क्यो के हुकम कजाणा यो जनावर होना की फीट करे कन ने करे अन थाँने बी नंगे हे। केवे जनावर बी कटी होना की फीट करे कई? राजा थोड़ीक देर होच्यो अन क्यो के अणी जनावर ने छोड नाको। वाँ वीं जनावर ने छोड नाक्यो हो अन वो राजा का मेलां का बान्ना में जान बेटग्यो अन उटे वीं होना की फीट किदी ही। अन वीं क्यो के सबऊँ पेली तो मूँ बेण्डो हूँ ज्यो ईं जाळ में फस्यो अन पचे यो सिकारी बेण्डो अन पचे यो मंतरी बेण्डो अन सबऊँ बेण्डो राजा हे, ज्यो मारी एक दाण की फीट ने बना देक्याँई मने छोड नाक्यो। ईं बाते बना देक्याँ काम ने करणो छावे।
प्रसन-1. वीं जनावर की फीट में कई हो?
सिकारी वीं जनावर ने राजा नके काँ लेग्यो हो?
राजा वीं जनावर ने काँ छोड्यो हो अन वीं राजा का बान्‍ना में बेटो- बेटो कई क्यो हो?
अणी केणीऊँ भणबा वाळा मनकाँ ने कई अकल मले लिको —