एक दाण एक राजा हा, वे एक कानून निकाळ्यो हो के, कुई बी मनक हाँज पड़्याँ नंगर में ने आवेलो। हाँज पड़्याँ केड़े घर का कमाड़ जड़याँ केड़े कुई वाँने ने खोलेला। ज्यो मनक मोड़ो आई वो मनक दूजा गाम में जान रात रेई। हारई मनक राजा की आग्या को पालण करता हा। कस्या बी मनक के मोड़ो वे जातो, तो वो मनक दूजा गाम में जान रात रेतो हो। अस्यान हारई काम चालर्या हा। एक दन राजा सिकार खेलबा ग्या हा, वाँने मेलाँ में आताँ – आताँ मोड़ो वेग्यो हो। राजा आया तो वाँके मंतरी दरवाजा के पेरो देबा वाळा मनक ने कुँवाड़ खोलबा की क्यो पण वो नटग्यो अन क्यो के मूँ राजा की आग्या ने, ने तोड़ सकूँ। अस्यान केन वीं दरवाजो ने खोल्यो हो। राजा पेले गाम में जान एक चारा का घर में रात रिया हा। हेराँपेली राजा मेलाँ में आया तो हारई मनकाँ जाण्यो के आज राजा चोकीदारी करबा वाळा मनक ने डण्ड देई। राजा दरबार में आया अन चोकीदार ने बुलायो, राजा वीं चोकीदार ने इनाम दिदो अन वींकी घणी बडई किदी ही। विंने वाँ मोटी नोकरी पे राक्यो हो।