केळा
लम्बा-लम्बा केळा जणाने मनक चाव करन खावे।
हेला खा लेवे तो कब्जी पड़ जावे।
सेराँ में केळो खान छोडा ने बान्ने फेंक देवे।
अणा चेत को ज्यो कोई आवे वो बापड़ो रपट’न पड़ जावे।
केळा मनकाँ के मुण्डा में पाणी अणावे।
ज्यो केळा ने खा जावे वो मनक कदी खाबा को नाम नी लेवे।
तो बी मनक केळा खाता वणा के ढबाव नी वेवे।
लम्बा-लम्बा केळा जणाने मनक चाव कर’न खावे।