चालो विनायक आपाँ जोसीजी के चालाँ,
बनड़ी का लगन लिकावाँ ओ मारो बिरद विनायक
बिरद विनायक देव विनायक मारो देव विनायक,
ओछी पिण्ड्याँ को कामणगारो रे, मारो…॥
सूण्ड सुण्डाळो मारो बाबो दून्द दुन्दाळो,
ओछी पिण्ड्याँ को कामण गारो रे, मारो…॥
चालो विनायक आपाँ चुड़ीघर के चालाँ,
लाखाँ की चुड़ला मोलावाँ वो, मारो…॥
चालो विनायक आपाँ सोनीजी के चालाँ
बनड़ी के नतड़ी गड़ावाँ वो, मारो…॥