तर्ज- थारी धजा उडती धाम
मन करे यो रंग हजार, मन यो बहुरंगी,
थूँ रीज्ये घणो हुँस्यार, मन यो बहुरंगी॥
यो कदीक बेचे ओडलो, यो कदीक लेवे घोटलो,
यो लेवे बंदूकाँ जोड़लो, कदी बणे यो करम खोड़लो,
कद खेले तीर तलवार ॥ मन यो…………॥1॥
टपर्यां में कदीक छाजा, यो कदीक बणजा राजा,
यो कदीक बजावे बाजा, यो खावे खिचड़ी खाजा,
कद बणजावे दातार ॥ मन यो……………॥2॥
यो कदीक वेजा राजी, पल में वेजा बेराजी,
यो कदीक बणजा साजी, कद बणजा पंडत काजी,
कद करे ग्‍यान परच्यार ॥ मन यो…………॥3॥
कद खिल खिल यो हंस जावे, कद रोवे रुदन मचावे,
कद हंग हंगतो वे जावे, कद मंगतो बण ललचावे,
कद बणजावे लाचार ॥ मन यो……………॥4॥
मनमतंग हाती गेंडो, वे कदीक पागल बेण्डो,
कर कदीक भोळ्यो मुण्डो, छळबळियो बणजा गुण्डो,
बण मीठी छुरी कटार ॥ मन यो……………॥5॥
यो बेट जाय तगत जी, कद खेले जाय रगत जी,
कद रमता जाय जगत जी, यो बणजा कदी भगत जी,
कद भोगे चंचला नार ॥ मन यो……………॥6॥
कद करे धरम की काट जी मन कदीक बणजा लाट जी,
यो कदीक खाले घाट जी, भई कदीक हेपट पाट जी,
"भेरया" नहीं आवे इतबार ॥ मन यो………॥7॥