एक दाण एक राजा हा वांका राज में कणी बात की कमी ने ही धन दोलत, ठाट-बाट हा, पड़ोसी राजाऊँ बी हऊ रेता हा। पण वांका मन में तो बी दरपणी रेती ही वे होचता के कोई बारलो मनक मने मार ने नाके। एक दन राजा वाँका मेलाँ में हुत्ता हा अन ईं दरपणी का मार्या होचरिया हा। वांका मन में एक तरकीब अई के आपाँ एक मेल बणावा वीं के खड़क्याँ बान्ना कई ने राकां अन वीं मेल के खाली एक बान्नो राकां। वीं एक बान्ना मूँ इस मनक मीने आ अन जा सके बस। अस्यान वीं मेल पे कोई बी मनक हमलो बी ने कर सके अन मूँ आरामूँ रेऊँ। राजा दूजे दन उटतई वांका मनकाँ ने क्यो के आपणे अस्यो मेल बणाणो राजा का आदेसऊँ मेल बणबो चालू वेग्यो हो राजा के एक मीना में उस्यो मेल बणन त्यार वेग्यो हो। अबे राजा का मनऊँ दरपणी ही ज्यो नोकळगी ही। राजा आरामूँ वीं मेल में रेबा लागा। एक दन राजा का राज में एक माराज आया हा वे राजा वां माराज ने वीं मेल में लेजान वीं मेल की बावई करबा लागा हा अन वीं मेल की खास्यत बताबा लागा हा राजा ने माराज क्यो के राजा आप अस्यो मेल बणां नाक्यो जीं के खाली एक बान्नो हे अन ओरी कटेई बान्नो ने राक्यो अन ईंमे कोई ने आ सके। पण एक बात हे के ईं बान्ना में मोत आजई तो पचे कई करो। राजा की आँख्याँ खुलगी ही राजा होच्यो के हाँची बात हे मोत कटे बी आ सके वीं का बाते तो कटेई कई बन्द ने रेवे। राजा ने वां माराज क्यो के ईं मेल में थांका ने कई दरपणी ने हे पण मोत तो अटे बी आजई। राजा के मन की दरपणी निकळगी ही अन वांको मनक हर तरे की दरपणीऊँ मुक्त वेग्यो हो। ईं बाते केवे के मनक ने मोतऊँ दरपबा के बजाय हर दाण काम करतो रेणो छावे।