ये तो बाजोट्या पे बेटा रे बन्ना रपट पड़्या
ये तो बाजोट्या पे बेटा रे बन्ना रपट पड़्या-2, थाने घणी खमा ओ बन्नासा काँ पड़ग्या-2……॥1॥
माने सादी रे ब्याव री लगन लगी -2, माने लगन लगी रे गेरी उगम लगी-2…….॥2॥
ये तो बन्दोळी में जाताँ रे बन्ना घोड़ी पूँ पड़ग्या-2,
मेंवाड़ी भासा में पारस्याँ 1-50
1. एक रूँकड़ा एकी पान्दड़ो, वो बी रंग बिरंग।
करे विने नमन, मन में भरे उमंग।
– झंडो
मेंवाड़ी भासा में कावताँ 51-100
1. धोबी को कुत्तो ने घरको अन ने घाट को।
अर्थ– दोनों तरफ से आदमी किसी काम का नहीं होना।
2. मनकी का केबाऊँ छींको ने टूटे।
अर्थ– बुरे आदमी के सोचने से बुरा नहीं होता है।
मेंवाड़ी भासा में कावताँ 1-50
1. राबड़ी केवे, मने बी दाँताऊँ खावो।
अर्थ– छोटा आदमी, बड़ी बात।
2. काल करे जो आज कर, आज करे जो अब, पल में परले होई फेर करेला कब।
अर्थ– कार्य को समय रहते कर लेना चाहिये।
मेंवाड़ी भासा में सुविचार 401-500
गेन्दू का जस्यान जमारा में बी थाँका जटा तक आगे ने जा सको जटा तक थाँकाने आपणो नरणे की नंगे कोइने।
– अर्नोल्ड एच ग्लासगो
मेंवाड़ी भासा में सुविचार 301-400
एक बड़्या मनक केबा में कम अन करबा मे हेलो बसवास करे।
– कन्फ्यूशियस
302. हारी चींज रुपाळी वेवे, पण हर कुई वींने देक ने सके।
– कन्फ्यूशियस
मेंवाड़ी भासा में सुविचार 201-300
201. यो तो मनक को हबाव हे, जो दुजाँ का दोस ने देकन हंसे, जिदाण वीनें खुद को दोस आद ने आवे, जाकी ने तो सरुआत हे अन ने खत्म।
– संत कबीर दास
मेंवाड़ी भासा में सुविचार 101-200
101. हिंसा का बाते यो भरम हे, के जमारो अस्यो धन हे, जो बताबा को कोइने, काँकी रुकाळी करबा की चीज हे।
– हेनरी नाउएन
102. कीड़ी मूँ बड़्या कुई ग्यान की बाताँ ने केवे अन वाँ गूंगी रेवे।
मेंवाड़ी भासा में सुविचार 1-100
1. जो कदी मन ने जीत्यो, वो भगवान की दन्याँ को पड़दो ने बण सके।
– विनोबा भावे
2. कस्सी भी नुई चीज की सरुआत बड़्या वी, तो हमजलेणो के आदो काम वेग्यो।
- प्लेटो
करम अन भाग एक दूजा बना अदूरा हे
एक माराज का आसरम में एक चेलो केवे के करम करे वो मोटो वेवे जतरे दुजो चेलो क्यो के कोइने भाग मोटो वेवे। माराज बी होच्यो के अबे यांको फेसलो करणो पेड़ी माराज वांने क्यो के काले आज्यो पाचा। माराज दूजे दन दोई चेला ने एक च्यारूँ मेरऊँ बन्द घर में लेजान ब